महाराष्ट्र की 74 बसें शुक्रवार रात को राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस ले आईं। सभी छात्रों की स्वार गेट बस अड्डे पर स्वास्थ्य जांच की गयी और उन्हें घर से बाहर क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गयी। गौरतलब है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते ये छात्र काफी दिनों से पुणे में ही फंसे हुए थे।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन
कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से श्रमिक, छात्र, पर्यटक और अन्य लोग अलग-अलग राज्यों में फंसे हुये हैं, इनके लिए केंद्र सरकार ने छह श्रमिक स्पेशल ट्रेन भी चलाने की अनुमति भी दी गयी है। प्रधानमंत्री आवास पर शुक्रवार को हुई बैठक में इसका निर्णय लिया गया है। इस बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा भी शामिल हुए थे।
ये 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए इस दौरान 6 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी. इनमें लिंगमपल्ली से हटिया, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना, नासिक से लखनऊ और कोटा से हटिया के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलेगी।
इन स्पेशल ट्रेनों को ऐसे फंसे हुए लोगों को लाने-ले जाने के लिए मानक प्रोटोकॉल के अनुसार संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर प्वॉइंट-टू-प्वॉइंट ही चलाया जाएगा। रेलवे और राज्य सरकारें इन 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' के संचालन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगी।
यात्रा से पहले यात्रियों को भेजने वाले राज्यों की ओर से उनकी जांच की जाएगी। बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही यात्रा की इजाजत दी जायेगी। प्रत्येक यात्री को अपना मुंह ढककर रखना होगा, भेजने वाले राज्यों के जरिए यात्रियों को मूल स्टेशन पर भोजन और पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। गंतव्य पर पहुंचने के पश्चात राज्य सरकार के जरिए यात्रियों को रिसीव किया जाएगा। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर स्क्रीनिंग और स्टेशन से आगे की यात्रा का प्रबंध किया जाएगा, वहीं अगर जरूरी लगे तो यात्रियों को कुछ दिन क्वारंटाइन में रखा जाएगा।